राजस्थान में कोरोना का कहर चरम पर है। रविवार को मिले 104 नए मरीजों के साथ कुल आंकड़ा 804 तक पहुंच गया है। जयपुर व टोंक में एक-एक मौत हुई। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए मीडिया से बातचीत में संकेत दिए कि प्रदेश में अब ‘मॉडिफाई लॉकडाउन’ लागू किया जाएगा। माना जा रहा है कि चिकित्सा, शिक्षा, कृषि और कपड़ा जैसे कुछ क्षेत्रों को सशर्त छूट दी जा सकती है।
सीएम ने कहा कि प्रदेश में अभी कम्युनिटी स्प्रेड के हालात नहीं हैं। रविवार को मिले 96 नए रोगियों में जयपुर के 40, बांसवाड़ा के 15, टोंक के 12, बीकानेर-जोधपुर के 8-8, कोटा के 7, नागौर के 5, चूरू के 3, हनुमानगढ़ के 2, जैसलमेर व सीकर का 1-1 और दो ईरान से लौटे भारतीय हैं। हनुमानगढ़ में दस्तक के साथ ही कोरोना प्रदेश के 25 जिलों तक पहुंच गया। जयपुर के जेके लोन में भर्ती 13 साल की बच्ची की मौत के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 11 मौतों में से नाबालिग की मौत का यह पहला मामला है। टोंक में 60 साल के बुजुर्ग ने दम तोड़ा।
राज्य सरकार की टॉस्क फोर्स ने रविवार को सौंपी 8 पेज की रिपोर्ट में प्रदेश में फेजवाइज लॉकडाउन हटाने की सिफारिश की। कहा- अनिश्चित समय तक के लिए लॉकडाउन जारी नहीं रखा जा सकता क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। कुछ ऐसा है लॉकडाउन हटाने का रोडमैप...
1. मोबाइल शॉप व होम डिलीवरी के रेस्त्रां खुलेंगे
- इलेक्ट्रिकल इंस्ट्रूमेंट, मशीन रिपेयर शॉप।
- होम एप्लाइंस जैसे फ्रिज, एसी, कूलर की दुकानें, होम डिलीवरी सुविधा जरूरी।
- मोबाइल दुकानें, जहां रिचार्ज सुविधा हो।
- होम डिलीवरी की सुविधा वाले रेस्टोरेंट।
- बढ़ई व कपड़ों की धुलाई वाली दुकानें।
- फ्लैट्स की सफाई करने वाली सेवाएं।
- ई कॉमर्स और माइनिंग से जुड़ी सेवाएं।
- औद्योगिक उत्पादन फैक्ट्रियां (सशर्त)।
2. हालात सामान्य होने तक सिनेमा-स्कूल बंद
- सिनेमाहाल, जिम, क्लब, पूल बंद।
- शादी समारोह में 20 से ज्यादा लोगों के शामिल न होने का प्रतिबंध बना रहेगा।
- सघन इलाकों वाले बाजार नहीं खुलेंगे।
- स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान भी नहीं खुलेंगे लेकिन ऑनलाइन क्लासेज को बढ़ावा देंगे ताकि पढ़ाई जारी रहे।
- सभी धार्मिक स्थलों पर हालात सामान्य होने तक पूरी तरह पाबंदी रहेगी।
3. छूट के बावजूद बिना मास्क नहीं निकल सकेंगे
- बिना मास्क के कोई भी व्यक्ति अपने घर से बाहर नहीं निकल पाएगा।
- सोशल डिस्टेंसिंग का अनिवार्य रूप से सभी को पालन करना ही होगा।
- इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर किसी भी तरीके का कोई मूवमेंट नहीं होना चाहिए।
- प्राइवेट अस्पतालों में मरीज को देखने में आईपीआर गाइडलाइन की पूरी तरह पालना करना अनिवार्य होगा।
खतरा कहां ज्यादा, कहां कम, यूं समझें
हाॅटस्पॉट; ऐसी ग्राम पंचायत या शहरी वार्ड जहां 5 पॉजिटिव हों और 100 से ज्यादा सस्पेक्ट केस हों।
हाईरिस्क; जिन जिलों में एक से ज्यादा हॉटस्पॉट हों और 10 से ज्यादा एक्टिव पाॅजिटिव केस हों।
मध्यम; जिन क्षेत्रों में 5 से ज्यादा और 10 से कम पॉजीटिव केस हों उन्हें मध्यम श्रेणी में रखा जाए।
लो रिस्क; जहां 5 से कम पॉजिटिव हों और पिछले 14 दिनों में एक भी पॉजीटिव केस नहीं आया।
संक्रमण मुक्त; जहां कोई एक्टिव पाॅजिटिव केस न हो, पिछले 14 दिनों में कोई नया केस नहीं आया हो